Wednesday, May 13, 2009

अमोघ फाउंडेशन - ख़ुशी और सफलता से भरी राह.

अमोघ फाउंडेशन जिन्दगी में खुशिया और सफलता कैसे लाई जाये इस क्षेत्र में कार्यरत संस्था हैं. खुशिया और सफलता हर एक की जिन्दगी के ऐसे दो पहलु हैं जो अत्यावश्यक हैं.

भावनात्मक बुद्धिमानी जो अग्रेजी में इमोशनल इंटेलिजेंस कहलाती हैं, जिसे सक्षिप्त में EQ भी कहते हैं, अमेरिका और युरोपियन समाज में काफी लोकप्रिय हैं, वहा इसकी आवश्यकता भी अधिक हैं क्योकि उनके समाज का आधार व्यक्तिवाद पर हैं न की परिवार और समाज के आपसी सहयोग पर.

हम भारतीयों की किस्मत इस बारे में अच्छी रही हैं, क्योकि हमारी संस्कृति सामाजिक संबंधो को बढावा देती हैं और हमें एक मजबूत पारंपरिक सहारा परिवार, रिश्तेदार, मित्र और समाज के रूप में मिल जाता हैं. यह पारंपरिक आधार हमें जिन्दगी की चुनोतियो, परेशानियो, चिन्ताओ से निपटने में हमारी मदद करता हैं, जहा हमें अपनी समस्याओ को दुसरो के साथ बाट पाते हैं और आपसी सहयोग से सुलझा भी पाते हैं. हम अपनी भावनाओ को आपस में बाट कर अधिक रचनात्मक रूप से उन्हें नियंत्रित कर पाते हैं, जिसके कारण हम कम तनावग्रस्त रहते हैं. बदकिस्मती से पिछले दो दशको में चीजे काफी बदल गयी हैं जहा हम अपनी संस्कृति को भूल कर पश्चिम की संस्कृति को अपनाते जा रहे हैं. यह बदलाव जहा अच्छी बाते लेकर आ रहा हैं वही उससे जुडी समस्याओ का भी हमें सामना करना पड़ रहा हैं. क्योकि हम अपनी संस्कृति और अपनी जड़ो से दूर एक दूसरी संस्कृति की और जा रहे हैं, हमें इन नयी समस्याओ से निपटने के नए तरीके भी सीखने होंगे.

वर्तमान में यह काफी प्रचलित हैं की हमें अपनी नौकरी के लिए अपने घर परिवार से दूर रहना पड़ता हैं जहा हमें हमारा पारंपरिक सहारा, सहयोग नहीं मिल पाता हैं. यद्धपि यह भी उतना ही सच हैं की जो अपने घर परिवार के नजदीक हैं वे भी व्यस्तता, बढती प्रतियोगिता, बदली हुई जीवन शैली और सफलता की अत्यधिक भूख के चलते सामाजिक जिन्दगी के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं. यह समय की कमी धीरे धीरे हमारे पारंपरिक सहयोग के आधार को ख़त्म करती जा रही हैं.

पारंपरिक सहयोग के अभाव में यह जरुरी हैं की हम स्वतन्त्र रूप से जिन्दगी की समस्याओ और चुनोतियो से निपटने में अपने आप को सक्षम बनाये.

कुछ दिनों पहले के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी की मुंबई जैसे शहर में हर दस में से ५.५ यानि की ५५ प्रतिशत लोग किसी न किसी मनोवैज्ञानिक समस्या से ग्रस्त हैं. छोटे शहरो के लिए इस तरह का कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ हैं और इसलिए आकडे उपलब्ध नहीं हैं पर हम आप सभी इस बात के गवाह हैं की हमारी जिन्दगी में तनाव, कष्ट और परेशानिया अत्यधिक बढ़ गयी हैं जो कही न कही हमें मानसिक रूप से व्यथित करती हैं.

इन बदले हुए हालत में खुशिया और साथ ही साथ सफलताए लाने में भावनात्मक बुद्धिमानी या इमोशनल इंटलीजेंस का महत्त्व किसी भी शंका के परे हैं.

विभिन्न खोजो में यह बात सामने आयी हैं की किताबी बुद्धिमानी जो पैदाइशी होती हैं, से परे भावनात्मक बुद्धिमानी को बढाया जा सकता हैं, यही नहीं, यह भी पाया गया की जिन्दगी में सफलता और ख़ुशी पाने में भावनात्मक बुद्धिमानी का हाथ ८० प्रतिशत तक रहा हैं.
भावनात्मक बुद्धिमानी एक कौशल हैं जो की उचित मार्गदर्शन में अभ्यास के द्वारा विकसित किया जा सकता हैं.

अमोघ फाउंडेशन एक कोशिश हैं, लोगो की यह सीखने में मदद करने की, कि किस तरह जिन्दगी में अधिक सुखी, खुश और सफल बन सके.

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट http://www.amoghfoundation.org/ को देखिये और/या हमें info@amoghfoundation.org पर इमेल करे या +91 9752033200 पर फ़ोन करे.